
मैं इगा हूँ और कुछ ही दिनों मे मैं तीन साल की होने वाली हूँ | अंगरेजी मे मेरे ब्लोग (Sami's World) से आप मे से कुछ लोग पहले से ही वाकिफ़ हैं | भारत मे मेरे दादा -दादी , नाना- नानी सबको यही शिक़ायत रहती थी कि मेरे मम्मी -पापा मुझे पूरा अंग्रेज बना कर छोड़ेंगे| इसलिये हिंदी ब्लोगिन्ग की दुनिया मे अपने पापा की उंगलियाँ थामे कदम रख रही हूँ। अभी मेरे लिए पापा लिखते हैं , बाद मे मैं खुद ही लिखने लगूंगी |
मेरे ब्लोग पर नियमित आते रहिये |
अपने बचपन को मेरे साथ दुबारा महसूस कीजिये |
12 टिप्पणियां:
bahut khoob... jiyo mere laal
इगा, तुम तो बहुत भाग्यशाली हो. सचमुच. तुम्हारे लिए तो तुम्हारे पापा लिख रहे हैं - तुम्हारी भावनाओं को उतार रहे हैं. और वे सचमुच ऐसी लगती हैं कि तुम्हारे ही विचार हैं.
तुम जल्दी बड़ी होओ और फिर खुद लिखो. और फिर बताना कि कहाँ तुम्हारे पापा गलत थे और कहाँ सही!
ईगा, तुम क्या कर रही हो। मैं मिश हूँ। तुम मेरी फ्रेंड बनोगी। इगा मैं तुम्हारी नई फ्रेंड हूँ। मैं 4 ईयर की हूँ।तुम उदास हो या खुश। तुम मेरे ब्लॉग पर आना।
स्वागत है इगा.
लेकिन आपका ब्लॉग हमे आपकी भाषा में ही पढना अच्छा लगेगा... आगे से अपनी भाषा में लिखिएगा.. :)
रवि रतलामी,पंकज और संजीव चाचू ,
आप सब लोगों का धन्यवाद - मेरा चिठ्ठा पढ़ने के लिये और मेरा उत्साह बढाने के लिये भी ।मेरी शब्दकोश मे अभी गिनती के ही शब्द हैं। चाहे वो हिन्दी के हों या अंग्रेजी के।
मुश्किल ये है कि अभी खुद से लिख नहीं पाती और पापा के भरोसे रहने में मेरा चिठ्ठा महीनों तक बिना किसी नयी कहानी के पड़ा रहता है ।
मेरा अंग्रेजी वाला चिठ्ठा Sami's World पिछ्ले दो सालों से है पर उसमें महज़ 4 लेख हैं अब तक।
पापा थोड़ा आलसी है है और बहानेबाज़ भी।
आप लोगों की टिप्पणियों से शायद सुधर जाये और नियमित लिखने लगे।
इगा,
मैं सच में आपके बारे में जानकर बहुत उत्साहित हूँ। आज आपकी उम्र के भारत के गाँवों में रह रहे बच्चों को भी हिन्दी से लगाव नहीं है। और आप सात समन्दर पार हमारी मातृभाषा की चिंता चेतनावस्था आते ही कर रही हैं। आप धन्य हैं।
वाह!! बहुत खूब इगा!
अच्छा लगा आपको यहां देखकर्।
ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएं
हमें पता चला कि आपकी भावनाओं को आपके पापा ही कागज़ पर उतारते हैं, यहाँ तक की ब्लॉग पर, फ़िर आपने मेरी कविता पढ़कर इतनी ज़ल्दी प्रतिक्रिया कैसे दे दीं। यह भी एक आश्चर्य की बात है।
वाह इगा, बहुत अच्छा लगा आपको यहाँ देखकर. कब जाना है भारत?
खूब किस्से बनेंगे वहाँ तो-सब सुनाना.
स्वागत है. लगातार लिखना. :)
स्वागत है चिट्ठाजगत में आपका इगा। अभी आप लिखवाती हैं या पापा अपने मन से लिखते हैं, कोई बात नहीं। आगे चलकर लेकिन हम आपको ही पढ़ना चाहेंगे, तब सब राज खुल जाएगा। :)
ईगा बेटे
बहुत सारा प्यार व आशीर्वाद
हिन्दी ब्लागिगं में आपका स्वागत है...लिखते रहिये... पाठ्कों की कमी महसूस नही होगी आपको
Bahut acha lag raha hai padh kar aur aage likhte rahiyee.
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